बहुत आफत है। स्टूडेंट बहुत बदमाश हो लिए हैं। हरेक ने चार-चार क्लोन बना लिए हैं। जबकि युनिवर्सिटी से परमीशन सिर्फ दो क्लोन बनाने की है।
वह सन्नी अपना एक क्लोन क्लास में बैठा कर चला गया। क्लोन सो गया।
एक क्लोन कॉलेज की लाइब्रेरी में छोड़ गया, ताकि प्रोफेसरों पर इंप्रेशन् पड़ सके। और ओरिजनल सन्नी तो मल्टीप्लेक्स में सुनीता के साथ फिल्म देख रहा था।
अब आफत है ये कि शिकायत किससे करो।
जिसे स्टूडेंट का बाप समझकर शिकायत करो, वह बताता है कि जी मैं सन्नी का डैडी नहीं हूं, उनका क्लोन हूं। ओरिजिनल डैडी तो गए हैं दुबई कमाने के लिए।
गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन परेशान हैं। लड़कियां अपने क्लोन को छोड़कर जाती हैं कमरे में। खुद पता नहीं, कहां चली जाती हैं।
इतिहास का सिलेबस, सन् 2500
इतिहास का कोर्स हर साल नया हो जाएगा।
मतलब यह कि हर साल कोर्स स्पांसरों के हिसाब से रिवाइज होगा। जैसा कि सबको पता है कि सरकार ने शिक्षा पर किसी भी किस्म का खर्च करने से इनकार कर दिया है। सारी की सारी रकम स्पांसरों से जुटाई जाती है। इसलिए हर साल के इतिहास पर उस साल के स्पांसरों की छाप साफ दिखाई देगी।
2045 में एम.ए. इतिहास में यह पढ़ाया गया था कि हल्दीघाटी की लड़ाई अकबर और हर्रोमल चंदूराम पकौड़ी वाले के बीच हुई थी।
2050 में यह पढ़ाया जायेगा कि हल्दीघाटी की लड़ाई अकबर और तेजमल मसाले वालों के बीच हुई थी।
2045 में इतिहास के प्रोफेसरों की सेलरी हर्रोमल पकौड़ी वालों ने स्पांसर की थी, 2050 में तेजमल मसाले वाले स्पांसर कर रहे हैं।
आगे टिन्नू टिकिया वालों का, शमशेर दारू के ठेके वालों का, घुन्नू भांग के ठेके वालों का नंबर है।
ऐसे ही हम पढ़ाते हैं कि टेलीफोन का आविष्कार रम्मो पान वाले ने किया है और कालिदास ने उसी पेन से मेघदूत महाकाव्य लिखा है, जिस पेन से लिखते लिखते लव हो जाता है। अगली बार हम पेन की जगह कोई कम्यूटर भी रख सकते हैं, अगर कोई कम्यूटर वाला स्पांसर फंस गया तो। टेलीफोन के आविष्कारक अगली आंगनमल आटा चक्की वाले भी हो सकते हैं।
नोट – बदलते स्पांसरों के दौर में एक ही इतिहास पढ़ने की इच्छा ना करें।
कतिपय बेवकूफ इस बात को अक्सर उठाते हैं कि हल्दीघाटी की लड़ाई में महाराणा प्रताप ने हिस्सा लिया था। भईया हमारा कहना है कि महाराणा प्रताप के नाम का स्पांसर हमें मिल जाये, तो हम महाराणा प्रताप का नाम लिख देंगे। बरसों पहले चेतक शादी की घोड़ी वाले हल्दीघाटी में चेतक घोड़े के नाम को स्पांसर करते थे। पर बाद में उनसे ज्यादा पैसे फीरो फोंडा मोटरसाइकिल वालों ने देने शुरु कर दिए, तो हमने हल्दीघाटी में फीरो फोंडा मोटरसाइकिल के रोल को पढ़ाना शुरू कर दिया है।
एक फोन कंपनी ने हमें प्रस्ताव दिया है कि हल्दीघाटी में जो रोल चेतक घोड़े का दिखाया जाता है, वह हमारे कुत्ते का दिखा दो। वह बता रहे हैं कि उनका कुत्ता बहुत हेल्पिंग नेचर का है। इस कंपनी से बात जम गई, तो हम हल्दीघाटी के इतिहास में चेतक की जगह यह कुत्ता भी डाल सकते हैं। तो विद्यार्थी हल्दीघाटी में हर्रोमल पकौड़ी वाले और हेल्पिंग कुत्ते का रोल समझने को तैयार रहें। साल के बीच में अगर कोई स्पांसर ज्यादा पैसे वाला मिल गया, तो सिलेबस साल के बीच में कई बार रिवाइज हो सकता है।