यूजीसी रेग्युलेशंस और गाइडलाइंस 2025 का मसौदा: लैटरल एंट्री, गवर्निंग अथॉरिटीज़ को और ताक़त, शिक्षकों की सेवा और सेवा-शर्तों पर हमले

यूजीसी रेग्युलेशंस और गाइडलाइंस 2025 का मसौदा: लैटरल एंट्री, गवर्निंग अथॉरिटीज़ को और ताक़त, शिक्षकों की सेवा और सेवा-शर्तों पर हमले

चरणबद्ध व्यावसायीकरण और निजीकरण का विरोध करें!

डीटीएफ़ को वोट दें, कार्यकारी परिषद (ईसी) के लिए मिथुराज धुसिया को चुनें!

  1. नियुक्ति नियमों में ढील देकर और ‘उल्लेखनीय योगदानों’ के आधार पर अकादमिक क्षेत्र से बाहर के लोगों (लैटरल एंट्री) समेत अपनी पसंद के व्यक्तियों को नियुक्त करना।
  2. प्रोन्नति के नियमों के ज़रिये हर शिक्षक/अकादमिक कर्मचारी को पुरस्कृत/दंडित करना। प्रोन्नति के लिए जितना शिक्षण और शोधकार्य ज़रूरी है, उसके अलावा एक शिक्षक का 9 सूचीबद्ध क्षेत्रों में से कम-से-कम चार में ‘उल्लेखनीय योगदान’ होना चाहिए।
  3. ‘उल्लेखनीय योगदानों’ में शामिल हैं: क) शोध, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, कम्यूनिटी प्रोग्राम्स और स्टार्ट-अप्स के लिए यथेष्ट फन्डिंग जुटाना, ख) ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देना और विद्यार्थियों के लिए इंटर्नशिप की व्यवस्था करना, ग) भारतीय भाषाओं और सरकार द्वारा अभिकल्पित ‘इंडियन नालिज सिस्टम’ को बढ़ावा देना, और घ) नवाचारी अध्यापन।

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